Tuesday, April 12, 2011

कैसे हो तुम ???


गहराईओं से भरा हुआ हो अन्धेरा जैसे;
खून से सना हुआ हो ज़ख़्म जैसे;
जंगल में लगी हो आग जैसे;
क्या समझ पाओगे तुम, दिन कट रहे हैं कैसे...

फूलों की भी महक नहीं आती;
साकी भी प्यास बूझा नहीं पाती;
हर आलम बुझा-बुझा सा लगता है;
एक छोटा सा भी लम्हा, तेरी याद नहीं आती.....

किसी गम का तकाजा, तजुर्बे का मुरीद नहीं;
स्पर्श है बस प्यार का, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं;
हूँ जमीं के ऊपर या आसमान के नीचे, धुंदली सी है तस्वीर;
सयमं का इतना है अभाव, िक सांस लेना भी आता नही....


Forget it.. Just Enjoy this latest Video buddies.

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